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Thursday, April 20, 2017

mahalakshmi pati kaise bane




रुद्राक्ष भगवान को अत्यंत प्रिय है यह एक मुखी से 21 मुखी तक होते हैं और बड़ी कठिनाई के साथ प्राप्त होते हैं एक मुखी रुद्राक्ष प्राप्त करनाबहुत ही कठिन कार्य  है जिसके पास एक मुखी रुद्राक्ष 

होता है वह व्यक्ति बहुत ही सौभाग्यशाली होता है क्योकि जो भी ऐसे रुद्राक्ष को गले में धारण करता है उसके जीवन में किसी प्रकार का आभाव नहीं रहता है लेकिन मैं जो प्रयोग बता रहा हूं वह पंचमुखी रुद्राक्ष पर सिद्ध 

किया जाता है इस प्रकार के रुद्राक्ष आसानी से प्राप्त हो जाते हैं यद्यपि बाजार में जो रुद्राक्ष दिखाई देते हैं अधिकतर नकली होते हैं वास्तव में यह रुद्राक्ष ना होकर रुद्राक्ष की तरह दिखाई देते हैं जोकि लकड़ी के ऊपर 

 कारीगरों द्वारा काट छांट करके बनाये  जाते हैं अतः साधकों को इस तरह का रुद्राक्ष किसी विश्वास पात्र व्यक्ति से प्राप्त करना चाहिए पंचमुखी रुद्राक्ष ज्यादा महंगा नहीं होता यह आसानी से मिल जाता है किसी भी 

सोमवार को यह रुद्राक्ष किसी पात्र में रखकर उसकी पूजा करनी चाहिए उसके बाद उस पर जल चढ़ाकर धोकर केसर आदि लगाना चाहिए और उसके क्षेत्र में लाल रंग का धागा पिरो लेना चाहिए इसके बाद उस रुद्राक्ष को 

दाए हाथ की हथेली में रखकर निम्न मंत्र का जाप 2 घंटे तक करना चाहिए यह प्रयोग किसी भी सोमवार से प्रारंभ होना चाहिए और अगले सोमवार को  प्रयोग समाप्त हो जाता है इस प्रकार यह प्रयोग मात्र 8 दिन का है 

और उसे नृत्य निश्चित समय पर 2 घंटे मंत्र का जाप करना चाहिए यह प्रयोग सूर्य उदय होने से 2 घंटे बाद तक किया जाना चाहिए अपनी हथेली में रुद्राक्ष को रखकर मन ही मन मंत्र जप करना चाहिए इसमें भी माला 

का प्रयोग आवश्यक नहीं हैमंत्र इस प्रकार से है| 
मन्त्र

ॐ ऐम क्लीम ऐन्द्रि माहेन्द्री कुलु कुलु चुलु चुलु हंसः स्वाहा  ||

  इसमें मंत्र जप की संख्या निर्धारित नहीं होती केवल मात्र निर्धारित समय पर 2 घंटे मंत्र जाप रोजाना 8 दिन तक करना चाहिए इस प्रकार से रुद्राक्ष पर प्रयोग करने पर लक्ष्मी रुद्राक्ष सिद्ध हो जाता है अगले सोमवार को 

जब यह साधना संपन्न हो जाए तब उस रुद्राक्ष को अपने गले में धारण कर लेना चाहिए और भविष्य में पहने रहना चाहिए ऐसा करने के बाद उस व्यक्ति के घर में हमेशा हमेशा के लिए लक्ष्मी का वास हो जाएगा और 


दरिद्रता पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगी यह प्रयोग हिमालय के  अत्यंत उच्च कोटि के साधु से प्राप्त हुआ था साधना करने के बाद पता चला कि यह कितना 

महत्वपूर्ण प्रयोग है जोकि शीघ्र सफलता देने में पूर्ण रूप से सहायक है क्योंकि रुद्राक्ष शिव के अंश के रूप में माना जाता है इसलिए इसमें विशेष चेतना व्याप्त रहती है शंकर जी  का 

पूर्ण वरदान इस रुद्राक्ष में समाहित रहता है इसीलिए तो यह साधना आज के कलयुग में भी पूर्ण सफलता देने में सक्षम है इसके माध्यम से धन के पहाड़ लगाए जा सकते हैं यह इतना महत्वपूर्ण प्रयोग है जिसके बल पर 

समाज में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया जा सकता है यह लक्ष्मी साधना साधु परंपरा के अंतर्गत ही प्राप्त होती है इस साधना में सात्विक भाव रखना अत्यंत आवश्यक है जब तक साधना करें तब तक पूर्ण ब्रम्हचर्य व्रत का 

पालन करें वस्तुतः यह साधना आज के कलयुग में कल्प वृक्ष के समान है प्रत्येक गृहस्थ को इस प्रकार की साधना अवश्य ही संपन्न करनी चाहिए जिस के प्रभाव से वह अपनी गृहस्थ की  आवष्यकताओं की पूर्ति 

आसानी से कर सके और अपने जीवन की सभी इच्छाओं की पूर्ति करता हुआ ईश्वर प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त हो सके| 

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